तुमको हक है जिंदगी अपनी जी लो खुशी से
कामवासना
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
जाओ तेइस अब है, आना चौबिस को।
चिड़िया आई
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
गर्दिशों में हैं सितारे.....!!
दिन आज आखिरी है, खत्म होते साल में
राजनीतिक फायदे के लिए, तुम मुकदर्शक हो गये तो अनर्थ हो जाएगा
वो किताब अब भी जिन्दा है।
हे अजन्मा,तेरा कैसे जन्म होगा
हम तो ऐसे नजारों पे मर गए: गज़ल
आप हर किसी के लिए अच्छा सोचे , उनके अच्छे के लिए सोचे , अपने
तेरे उल्फत की नदी पर मैंने यूंँ साहिल रखा।
समय की चाल समझ मेरे भाय ?