छल और फ़रेब करने वालों की कोई जाति नहीं होती,उनका जाति बहिष्
नाना भांति के मंच सजे हैं,
Anamika Tiwari 'annpurna '
Not the people but the mind, Not the storm but the silence,
#शीर्षक:- नशीली आँखो में झाँक
एक मंज़र कशी ओस के संग 💦💦
मैं सिर्फ उनके लिए लिखता हूं
क्या बिगाड़ लेगा कोई हमारा
इबारत जो उदासी ने लिखी है-संदीप ठाकुर
नाथ शरण तुम राखिए,तुम ही प्राण आधार
सच तो जिंदगी भर हम रंगमंच पर किरदार निभाते हैं।
कुछ बिखरे ख्यालों का मजमा
Dr. Harvinder Singh Bakshi
बुंदेली दोहा - सुड़ी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मंजिल की तलाश जारी है कब तक मुझसे बचकर चलेगी तू ।