गीत
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
यूँ तो इस पूरी क़ायनात मे यकीनन माँ जैसा कोई किरदार नहीं हो
श्रंगार के वियोगी कवि श्री मुन्नू लाल शर्मा और उनकी पुस्तक " जिंदगी के मोड़ पर " : एक अध्ययन
"UG की महिमा"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
शिवोहं
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
শিবকে ভালোবাসি (শিবের গান)
ग़ज़ल _जान है पहचान है ये, देश ही अभिमान है ।
आसान नहीं होता घर से होस्टल जाना
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
सर्द आसमां में दिखती हैं, अधूरे चाँद की अंगड़ाईयाँ
"My friend was with me, my inseparable companion,
मेरे मालिक मेरी क़लम को इतनी क़ुव्वत दे
खिला हूं आजतक मौसम के थपेड़े सहकर।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"