जब गेंद बोलती है, धरती हिलती है, मोहम्मद शमी का जादू, बयां क
*आया फिर से देश में, नूतन आम चुनाव (कुंडलिया)*
तुम्हारा दिल ही तुम्हे आईना दिखा देगा
कैसे समझाऊं उसे
Aasukavi-K.P.S. Chouhan"guru"Aarju"Sabras Kavi
ज़माना साथ था कल तक तो लगता था अधूरा हूँ।
*"जहां भी देखूं नजर आते हो तुम"*
मोहब्बत में इतना सताया है तूने।
वो जाने क्या कलाई पर कभी बांधा नहीं है।
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
23/101.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
ज़िंदगी से जितना हम डरते हैं,
आज की हकीकत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जो दिल में उभरती है उसे, हम कागजों में उतार देते हैं !
संकुचित नहीं है ध्येय मेरा
गर बिछड़ जाएं हम तो भी रोना न तुम