*साँसों ने तड़फना कब छोड़ा*
रामधारी सिंह दिवाकर की कहानी 'गाँठ' का मंचन
मीडिया, सोशल मीडिया से दूरी
"इफ़्तिताह" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
*पुरस्कार तो हम भी पाते (हिंदी गजल)*
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के व्यवस्था-विरोध के गीत
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मैं पर्वत हूं, फिर से जीत......✍️💥
है गरीबी खुद ही धोखा और गरीब भी, बदल सके तो वह शहर जाता है।
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
आपका लक्ष्य निर्धारण ही ये इशारा करता है कि भविष्य में आपकी
आज दिल ये तराना नहीं गायेगा,
राजे तुम्ही पुन्हा जन्माला आलाच नाही
सन्यासी का सच तप
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर