ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
राम विवाह कि मेहंदी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कविता - "बारिश में नहाते हैं।' आनंद शर्मा
पैसा आपकी हैसियत बदल सकता है
पुरानी गली के कुछ इल्ज़ाम है अभी तुम पर,
मेरी हस्ती का अभी तुम्हे अंदाज़ा नही है
यही विश्वास रिश्तो की चिंगम है
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
नयन प्रेम के बीज हैं,नयन प्रेम -विस्तार ।
निर्धनता ऐश्वर्य क्या , जैसे हैं दिन - रात (कुंडलिया)
सत्य साधना
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
(मुक्तक) जऱ-जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
दूसरों की राहों पर चलकर आप
31 जुलाई और दो सितारे (प्रेमचन्द, रफ़ी पर विशेष)
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
असुर सम्राट भक्त प्रहलाद – पूर्वजन्म की कथा – 03
तुम्हें रूठना आता है मैं मनाना सीख लूँगा,