ॐ शुम्भेश्वरनाथाय नमः
जय कृपाल महाकाल त्रिपुरारी।
शंकर शंभु जय प्रलयंकारी ।।
भाल चन्द्र मन अति सोहे।
रूप भयंकर जय शिव शंकर।
जय गंगाधर जय गौरीश्वर।।
तन बाघम्बर कान में कुण्डल ।
यह छवि मन मोहे।
जय हो तेरी त्रिनेत्र धारी महेश्वर।
त्रिशूल धारी सर्वेश्वर ।।