“हौसलों की उड़ान” #50 शब्दों की कहानी#
छाया ने अपने आंसू पोछ डाले, दर्द सीने में जज्बकर लिया, दिल में उमड़ते दुःख के बादलों को समेटकर आसमान में उड़ने की तैयारी कर ली, जहां कभी उसका हमसफर उड़ान भरता था । वह बंद दरवाजे खोलकर पति की यादों के सहारे चल पड़ी हौसलों की उड़ान भरने ।