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9 Oct 2016 · 1 min read

हौसला

जख्म देती इस ज़िन्दगी को समर्पित कुछ पंक्तिया।

मैं तो दरिया हूँ बहता ही चला जाऊंगा,

तू जख्म दे मैं सहता ही चला जाऊंगा,

तू ना सोच खुश्बू कभी कम होगी मेरी,

मैं तो”चंदन” हूँ महकता ही चला जाऊंगा।

अभिषेक भारती”चंदन”

Language: Hindi
Tag: शेर
2 Likes · 1 Comment · 537 Views

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