हौसला
टूटा टूटा बिखरा बिखरा सब
पतंग से धागा छुटा अब
खो गया है
कही मेरा अदब
न जाने कैसे
क्या होगा कब
सवाल आए मन में
ये जब जब
खुद में कर तू
जवाब की तलब
जो बाहर है दिखाता
वो सब है बेमतलब
इसको सोचकर तू
न कर खुद पर ज़रब
मन मैं हौसला रख
खेलेगा तू जब जब
यकीं कर जीत
तेरी होगी तब तब
खुद पर रहा जो भरोसा
मदद भी करेगा तेरा ,वो रब
मदद भी करेगा तेरा वो रब
मदद भी करेगा तेरा वो रब।।
शुन्या