Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Mar 2022 · 1 min read

हौसला

ज़िन्दगी खेलती भी उसी के साथ है।
जो खिलाड़ी बेहतरीन होता है
दर्द सबके एक से हैं ।
मगर हौंसले सबके अलग – अलग है।
कोई हताश हो बिखर जाता है।
तो कोई संघर्ष करके निखर जाता है।।

✍️✍️रश्मि गुप्ता***Ray’s Gupta

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 636 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
व्यक्ति को ख्वाब भी वैसे ही आते है जैसे उनके ख्यालात होते है
व्यक्ति को ख्वाब भी वैसे ही आते है जैसे उनके ख्यालात होते है
Rj Anand Prajapati
*संस्कार*
*संस्कार*
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
3352.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3352.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
अब फज़ा वादियों की बदनाम हो गई है ,
अब फज़ा वादियों की बदनाम हो गई है ,
Phool gufran
हम करें तो...
हम करें तो...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मेरा न कृष्ण है न मेरा कोई राम है
मेरा न कृष्ण है न मेरा कोई राम है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
बेशक मैं उसका और मेरा वो कर्जदार था
बेशक मैं उसका और मेरा वो कर्जदार था
हरवंश हृदय
हाँ ये सच है
हाँ ये सच है
Saraswati Bajpai
नश्वर है मनुज फिर
नश्वर है मनुज फिर
Abhishek Kumar
नर नारायण
नर नारायण
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही।
बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही।
Manisha Manjari
प्रीतम के दोहे
प्रीतम के दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
जिंदगी भी रेत का सच रहतीं हैं।
जिंदगी भी रेत का सच रहतीं हैं।
Neeraj Agarwal
एक तूही ममतामई
एक तूही ममतामई
Basant Bhagawan Roy
लख-लख बधाई
लख-लख बधाई
*प्रणय*
मातृभूमि
मातृभूमि
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अन्तर्राष्टीय मज़दूर दिवस
अन्तर्राष्टीय मज़दूर दिवस
सत्य कुमार प्रेमी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
कभी भी भावना में बहकर अपनी निजी बातें और कमजोरी किसी के समक्
कभी भी भावना में बहकर अपनी निजी बातें और कमजोरी किसी के समक्
Paras Nath Jha
सफर वो जिसमें कोई हमसफ़र हो
सफर वो जिसमें कोई हमसफ़र हो
VINOD CHAUHAN
" दौर "
Dr. Kishan tandon kranti
मोहब्बत
मोहब्बत
निकेश कुमार ठाकुर
मैं अलग हूँ
मैं अलग हूँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
है जरूरी हो रहे
है जरूरी हो रहे
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
महाराजा अग्रसेन, प्राचीन अग्रोहा और अग्रवाल समाज
महाराजा अग्रसेन, प्राचीन अग्रोहा और अग्रवाल समाज
Ravi Prakash
इश्क़-ए-क़िताब की ये बातें बहुत अज़ीज हैं,
इश्क़-ए-क़िताब की ये बातें बहुत अज़ीज हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जातियों में बँटा हुआ देश
जातियों में बँटा हुआ देश
SURYA PRAKASH SHARMA
सिखों का बैसाखी पर्व
सिखों का बैसाखी पर्व
कवि रमेशराज
बहुत सुना है न कि दर्द बाँटने से कम होता है। लेकिन, ये भी तो
बहुत सुना है न कि दर्द बाँटने से कम होता है। लेकिन, ये भी तो
पूर्वार्थ
माँ।
माँ।
Dr Archana Gupta
Loading...