Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jun 2020 · 1 min read

हौंसलों को पर लगेंगे

हौसलों को जब पर लगेंगे
तभी मंजिलों तक सफर लगेंगे

मैं अपने कदम वापिस नहीं लूँगा
मेरी पाँव में कांटे भी अगर लगेंगे

मै कभी झूठे कसीदे नहीं पढ़ता
मेरे लफ्ज तो तुम्हें ज़हर लगेंगे

बड़ी तरक्की कर ली है मुल्क ने
सुना है गाँव भी अब शहर लगेंगे

गहरे ज़ख्म आयेंगे ‘अर्श’ दिल पर
अगर यूँ जुबान के खंजर लगेंगे ॥

1 Like · 6 Comments · 194 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
◆धर्म-गीत
◆धर्म-गीत
*Author प्रणय प्रभात*
*तेरा इंतज़ार*
*तेरा इंतज़ार*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
हम सब में एक बात है
हम सब में एक बात है
Yash mehra
सद् गणतंत्र सु दिवस मनाएं
सद् गणतंत्र सु दिवस मनाएं
Pt. Brajesh Kumar Nayak
खुलेआम जो देश को लूटते हैं।
खुलेआम जो देश को लूटते हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
2330.पूर्णिका
2330.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सदा खुश रहो ये दुआ है मेरी
सदा खुश रहो ये दुआ है मेरी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
शहज़ादी
शहज़ादी
Satish Srijan
है माँ
है माँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जिंदगी
जिंदगी
Neeraj Agarwal
सेहत बढ़ी चीज़ है (तंदरुस्ती हज़ार नेमत )
सेहत बढ़ी चीज़ है (तंदरुस्ती हज़ार नेमत )
shabina. Naaz
"प्यार का सफ़र" (सवैया छंद काव्य)
Pushpraj Anant
मेरा नौकरी से निलंबन?
मेरा नौकरी से निलंबन?
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
तुम से ना हो पायेगा
तुम से ना हो पायेगा
Gaurav Sharma
जिदंगी भी साथ छोड़ देती हैं,
जिदंगी भी साथ छोड़ देती हैं,
Umender kumar
ज़िंदगी को
ज़िंदगी को
Dr fauzia Naseem shad
जिंदगी तूने  ख्वाब दिखाकर
जिंदगी तूने ख्वाब दिखाकर
goutam shaw
जब कोई बात समझ में ना आए तो वक्त हालात पर ही छोड़ दो ,कुछ सम
जब कोई बात समझ में ना आए तो वक्त हालात पर ही छोड़ दो ,कुछ सम
Shashi kala vyas
एक साक्षात्कार - चाँद के साथ
एक साक्षात्कार - चाँद के साथ
Atul "Krishn"
आज फिर हाथों में गुलाल रह गया
आज फिर हाथों में गुलाल रह गया
Rekha khichi
सुबह भी तुम, शाम भी तुम
सुबह भी तुम, शाम भी तुम
Writer_ermkumar
तेरा ही नाम ले लेकर रोज़ इबादत करती हूँ,
तेरा ही नाम ले लेकर रोज़ इबादत करती हूँ,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
🌺ये गर्ल!स्टोरी में ट्विस्ट दे रही🌺
🌺ये गर्ल!स्टोरी में ट्विस्ट दे रही🌺
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
चलो चलाए रेल।
चलो चलाए रेल।
Vedha Singh
जिंदगी के वास्ते
जिंदगी के वास्ते
Surinder blackpen
शर्म करो
शर्म करो
Sanjay ' शून्य'
गरम कचौड़ी यदि सिंकी , बाकी सब फिर फेल (कुंडलिया)
गरम कचौड़ी यदि सिंकी , बाकी सब फिर फेल (कुंडलिया)
Ravi Prakash
दीपावली
दीपावली
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
শহরের মেঘ শহরেই মরে যায়
শহরের মেঘ শহরেই মরে যায়
Rejaul Karim
Loading...