हो नाश दरिंदो का
?हो इनका नाश?
इन दुष्टों का तो कीजिये अतिशीघ्र विनाश,,
जो बहिन बेटी की लाज को समझे उपहास,,
मान और मर्यादा का जिनको नही है ध्यान,,
उनको इस धरती मैं गड़ा करदो उनका नाश,,
मानवता का कलंक इन जानवरों के काम,,
जीने का नही अब धर्म इन्हें करदो सर्वनाश,,
मिले सजा ऐसी की याद करें जुल्मी हर कोई,,
ये दैत्यों की जो हो सजा बन जाये इतिहास,,
मनु बचे न कोई भी जालम व्यभिचारी,,
बीच चौक पर टांग करदो शरीर का नाश,,
मानक लाल मनु,?✍️?