हो जाए जो होना अब है।
सच है वक्त रुकता नहीं
पर हमने रोका कब है?
जो गुजर रहा रब की मर्जी
हमने ऐसा सोचा कब है?
नहीं है भय किसी बात का भी
हो जाए जो होना अब है।
-शशि “मंजुलाहृदय”
सच है वक्त रुकता नहीं
पर हमने रोका कब है?
जो गुजर रहा रब की मर्जी
हमने ऐसा सोचा कब है?
नहीं है भय किसी बात का भी
हो जाए जो होना अब है।
-शशि “मंजुलाहृदय”