Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jul 2023 · 1 min read

हो गरीबी

सब ही दामन बचा के चलते हैं।
हो ग़रीबी कोई गुनाह जैसे।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
13 Likes · 586 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
ज़माना
ज़माना
अखिलेश 'अखिल'
روح میں آپ اتر جائیں
روح میں آپ اتر جائیں
अरशद रसूल बदायूंनी
आतंक, आत्मा और बलिदान
आतंक, आत्मा और बलिदान
Suryakant Dwivedi
ज़िंदगी का खेल है, सोचना समझना
ज़िंदगी का खेल है, सोचना समझना
पूर्वार्थ
हम यथार्थ सत्य को स्वीकार नहीं कर पाते हैं
हम यथार्थ सत्य को स्वीकार नहीं कर पाते हैं
Sonam Puneet Dubey
भूख
भूख
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
देश का बेटा रतन टाटा तुम सा अपना फर्ज यहां कौन निभाता।
देश का बेटा रतन टाटा तुम सा अपना फर्ज यहां कौन निभाता।
Rj Anand Prajapati
गूंजा बसंतीराग है
गूंजा बसंतीराग है
Anamika Tiwari 'annpurna '
वही हसरतें वही रंजिशे ना ही दर्द_ए_दिल में कोई कमी हुई
वही हसरतें वही रंजिशे ना ही दर्द_ए_दिल में कोई कमी हुई
शेखर सिंह
3484.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3484.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
वह कुछ नहीं जानती
वह कुछ नहीं जानती
Bindesh kumar jha
"आपके पास यदि धार्मिक अंधविश्वास के विरुद्ध रचनाएँ या विचार
Dr MusafiR BaithA
ईश्वर
ईश्वर
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
अयोध्या धाम
अयोध्या धाम
विजय कुमार अग्रवाल
हिंदुस्तान के लाल
हिंदुस्तान के लाल
Aman Kumar Holy
कभी ग़म से कभी खुशी से मालामाल है
कभी ग़म से कभी खुशी से मालामाल है
shabina. Naaz
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आज का पुरुष औरतों को समान अधिकार देने की बात कहता है, बस उसे
आज का पुरुष औरतों को समान अधिकार देने की बात कहता है, बस उसे
Annu Gurjar
किसी को आईना
किसी को आईना
Dr fauzia Naseem shad
"प्रकाशित कृति को चर्चा में लाने का एकमात्र माध्यम है- सटीक
*प्रणय*
प्रेरणा
प्रेरणा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
" प्रेम "
Dr. Kishan tandon kranti
*दशरथ के ऑंगन में देखो, नाम गूॅंजता राम है (गीत)*
*दशरथ के ऑंगन में देखो, नाम गूॅंजता राम है (गीत)*
Ravi Prakash
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
जिस दिन हम ज़मी पर आये ये आसमाँ भी खूब रोया था,
जिस दिन हम ज़मी पर आये ये आसमाँ भी खूब रोया था,
Ranjeet kumar patre
पैसा ,शिक्षा और नौकरी जो देना है दो ,
पैसा ,शिक्षा और नौकरी जो देना है दो ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
सुबह सुबह घरवालो कि बाते सुनकर लगता है ऐसे
सुबह सुबह घरवालो कि बाते सुनकर लगता है ऐसे
ruby kumari
आप विषय पर खूब मंथन करें...
आप विषय पर खूब मंथन करें...
Ajit Kumar "Karn"
रात
रात
SHAMA PARVEEN
Loading...