हो गये अब हम तुम्हारे जैसे ही
हो गये अब हम तुम्हारे जैसे ही।
नहीं फर्क अब कुछ भी हम और तुझमें।
रहा नहीं अब प्यार हमको तुमसे।
नहीं तेरी चाहत हमको अब दिल में।।
हो गये अब हम——————-।।
हमको समझ में आ गया है अब।
नहीं है प्यार तुझमें हमारे लिए।।
तुमको है नफरत हमसे बहुत ही।
नहीं है ख्वाब तुझमें हमारे लिए।।
सोच लिया है अब तो हमने भी।
तुमको बसाये अब क्यों हम खुद में।।
हो गये अब हम——————-।।
आखिर कब तक हम तुमको मनाये।
कब तक करें तुम्हारा हम इंतजार।।
वफ़ा हमने जो की, हमने निभाई वो।
तुम्हारे दिल पर हमने करके ऐतबार।।
होता नहीं अब हमसे कि तुमको मनाये।
नहीं तेरा सम्मान अब हमारे दिल में।।
हो गये अब हम——————-।।
आखिर क्यों झुके हम, तुम्हारे लिए।
और क्या है कमी, मुझमें ऐसी।।
बर्बाद क्यों हो, तुम्हारे लिए हम।
बहुत है जमीं पे हुर्र तुम्हारी जैसी।।
करते हैं नफरत अब तो हम तुमसे।
मेरे कदम नहीं है अब तेरी राह में।।
हो गये अब हम——————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)