हो गये अब अजनबी, यहाँ सभी क्यों मुझसे
हो गए अब अजनबी, यहाँ सभी क्यों मुझसे।
करता नहीं अब कोई बात, आखिर यहाँ क्यों मुझसे।।
हो गए अब अजनबी———————–।।
दौड़कर आते थे कल वो, देखकै मुझको लगाने गले।
अब मोड़ लेते हैं राह वो, नहीं मिलने को क्यों मुझसे।।
हो गए अब अजनबी————————।।
कभी साथ उनका मैंने दिया था, और खुशी भी उनको।
अब पूछते नहीं हाल मेरा वो, पास आकर क्यों मुझसे।।
हो गए अब अजनबी————————।।
मैं करता था दुहा हमेशा, उनकी खुशी- हंसी के लिए।
लेकिन वो करते हैं नफरत, आखिर अब क्यों मुझसे।।
हो गए अब अजनबी————————।।
उनकी खबर सुनकर आया मैं, उनको लेने अपने घर।
देखकर मुफलिसी मेरी, मिलाते नजर नहीं क्यों मुझसे।।
हो गए अब अजनबी————————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)