हो गया हाल क्या मुहब्बत में
हो गया हाल क्या मुहब्बत में
भेजते हम रहे उन्हें खत में
हम सताने के ही लिये उनको
मुस्कुराते रहे शरारत में
था बड़ा नाज़ अपनी मेहनत पर
याद आया खुदा मुसीबत में
व्यस्त रहते हैं ज़िन्दगी में वो
याद करते हैं सिर्फ फुर्सत में
है रुहानी ये इश्क पाकीजा
नाम उनका है हर इबादत में
‘अर्चना’ मिल गया है चारागर
दर्द मीठा तभी है उल्फत में
14-02-2021
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद