हो गया सुन्न
हो गया सुन्न
आज मैं
डांट रहा था छात्र को
उसकी अकर्मण्यता पर
क्रोधवश कह बैठा
बुला कर लाना कल
अपने पिता को
साथी अध्यापक ने बताया
नहीं हैं इसके पिता
लंबी बीमारी के उपरांत
हो गई थी उनकी मृत्यु
बनाती थी रोटियां
मांजती थी बर्तन
विवाह शादियों में
इसकी मां
एक रात आ रही थी
रोटियां बनाकर शादी से
एक सिरफिरे शराबी ने
रात के अंधेरे में
किया उस पर वार
नलके की हत्थी से
और वो भी कह गई अलविदा
इन बच्चों को
सुनकर ये सब
मैं हो गया सुन्न
कुछ देर के लिए
-विनोद सिल्ला©