हो गया कोई मेरा दीवाना मियाँ
क्या सुनाएँ सफर का फसाना मियाँ
हो गया कोई मेरा दीवाना मियाँ
झूठ के पाँव को पूजता है सदा
सत्य का शत्रु है ये जमाना मियाँ
प्यार का फूल जिसने मुझे दे दिया
उसको मुमकिन नहीँ है भुलाना मियाँ
हर घड़ी आह भरना मेरे भाग्य मेँ
आप यूँ ही सदा मुस्कुराना मियाँ
आज उसने मुझे बेवफ़ा कह दिया
जिसके दिल मेँ था मेरा ठिकाना मियाँ
देश मेँ लोग क्योँ भूखोँ मरते मिले
इसका कारण मुझे भी बताना मियाँ