होश में आओं उठो जागो
देश की हालातों पर कुछ पंक्तिया ! अच्छा लगे तो शेयर करे !
जहा भी देखा मैने सिने में खंजर चुभाने वाले मिले
शैतान से डरकर हाँ में हाँ मिलाने वाले मिले
बारुद के ढेरो में सोया है उसे मौत का क्या डर
इन आतंकवादियों को ना कोई धर्म ना कोई घर
हिंसा की राह अपनाने से आ नहीं सकती खुशहाली
राष्ट्र धर्म अपना लो मिलके मनायेंगे ईद, क्रिसमस, दीवाली
मेरे देश के युवाओं होश में आओं उठो जागो
नफ़रत फैली है चारों तरफ़ और इसे ना भड़काओं
फिर होगा युध्द अगर कारगील जैसा, बहेगी रक्तिम की नदिया
भारत माँ सहन कैसी करेगी जब उजडेगा केसर की वादिया
आतंक फैला रखा है आज देश के कुछ गद्दारों ने
राजसिंहासन की खातिर जाल बुने है नेताओं ने
नापाक इरादा दिल के अंदर,बाहर पाक-पाक चिल्लाता है
अहिंसा की राह पर दुश्मन हाथ क्यों नहीं आजमाता है
भाईचारा, और प्रेम की बातें सदा करते आयें है
हम शेर है ना जागाओं ये बात आज कहने आये है
कुछ दिन चिल्लाते हो जोर-शोर से फ़िर चुप बैठ जाते हो
कुछ दिनों बाद देखा है मैने चादर ओढ सो जाते हो
जिस थाली में खाते हो उस थाली को छेद करते क्यों हो
अरे नापाक इरादा वाले सुनों इस देश पर बसर करते क्यों हो
✍रचनाकार :- दुष्यंत कुमार पटेल”चित्रांश”✍