Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Mar 2017 · 1 min read

होली

होली के हुड़दंग में ,अपने कवि कलवालाल
थे भंग चढ़ाये घूमते, मुंह पर भले गुलाल
थोड़ी सी ही देर में, भंग की उठी तरंग
सभी पड़ोसी हंस रहे, देख के उनके ढंग
गधा जो दीखा खड़ा पास में, गले से उसके लिपटे
बड़े दिनों में आया भैया, मुझसे रहा क्यों छिपके
भ्रातृ प्रेम में विह्वल हो, गर्दभ ने मारी लात
कवि महोदय गिर गए, उड़ गए सारे दांत
उड़ गए सारे दांत, टूट गया चश्मा उनका
चंद क्षणों में दूर हो गया, नशा भंग का
@@@

Language: Hindi
588 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मन्दिर में है प्राण प्रतिष्ठा , न्यौता सबका आने को...
मन्दिर में है प्राण प्रतिष्ठा , न्यौता सबका आने को...
Shubham Pandey (S P)
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
Dr. Man Mohan Krishna
मन, तुम्हें समझना होगा
मन, तुम्हें समझना होगा
Seema gupta,Alwar
प्यासी कली
प्यासी कली
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*जिसने भी देखा अंतर्मन, उसने ही प्रभु पाया है (हिंदी गजल)*
*जिसने भी देखा अंतर्मन, उसने ही प्रभु पाया है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
रे ! मेरे मन-मीत !!
रे ! मेरे मन-मीत !!
Ramswaroop Dinkar
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
11-🌸-उम्मीद 🌸
11-🌸-उम्मीद 🌸
Mahima shukla
ଖେଳନା ହସିଲା
ଖେଳନା ହସିଲା
Otteri Selvakumar
* उपहार *
* उपहार *
surenderpal vaidya
"रंग का मोल"
Dr. Kishan tandon kranti
।।
।।
*प्रणय*
नर जीवन
नर जीवन
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
तुम्हीं  से  मेरी   जिंदगानी  रहेगी।
तुम्हीं से मेरी जिंदगानी रहेगी।
Rituraj shivem verma
सवाल खुद में, फिर एक
सवाल खुद में, फिर एक
Dr fauzia Naseem shad
सरकारों के बस में होता हालतों को सुधारना तो अब तक की सरकारें
सरकारों के बस में होता हालतों को सुधारना तो अब तक की सरकारें
REVATI RAMAN PANDEY
ज़िन्दगी में हर रिश्ते का,
ज़िन्दगी में हर रिश्ते का,
Pramila sultan
बीती यादें
बीती यादें
Shyam Sundar Subramanian
कैसा हो रामराज्य
कैसा हो रामराज्य
Rajesh Tiwari
मंत्र : दधाना करपधाभ्याम,
मंत्र : दधाना करपधाभ्याम,
Harminder Kaur
नेता पक रहा है
नेता पक रहा है
Sanjay ' शून्य'
इक्कीसवीं सदी की कविता में रस +रमेशराज
इक्कीसवीं सदी की कविता में रस +रमेशराज
कवि रमेशराज
4949.*पूर्णिका*
4949.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ये करुणा भी कितनी प्रणय है....!
ये करुणा भी कितनी प्रणय है....!
singh kunwar sarvendra vikram
Udaan Fellow Initiative for employment of rural women - Synergy Sansthan, Udaanfellowship Harda
Udaan Fellow Initiative for employment of rural women - Synergy Sansthan, Udaanfellowship Harda
Desert fellow Rakesh
राम : लघुकथा
राम : लघुकथा
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
यदि कोई आपके मैसेज को सीन करके उसका प्रत्युत्तर न दे तो आपको
यदि कोई आपके मैसेज को सीन करके उसका प्रत्युत्तर न दे तो आपको
Rj Anand Prajapati
दिल का हाल
दिल का हाल
पूर्वार्थ
मैंने चुना है केसरिया रंग मेरे तिरंगे का
मैंने चुना है केसरिया रंग मेरे तिरंगे का
Saraswati Bajpai
कोई किसी के लिए कितना कुछ कर सकता है!
कोई किसी के लिए कितना कुछ कर सकता है!
Ajit Kumar "Karn"
Loading...