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16 Mar 2022 · 1 min read

होली

खेल रहे आँखों आँखों में, होली सजनी से साजन
खोये खोये से अपने में, रँगे हुए दोनों के मन

साजन भी हैं अपनी छत पर, सजनी भी अपनी छत पर
देख रहें हैं इक दूजे को,दोनों नज़रें भर-भर कर
करें इशारे पूछ रहे हैं क्यों दुनिया इतनी बैरन
खेल रहे आँखों आँखों में, होली सजनी से साजन

हर होली आपस में दोनों, कभी नहीं मिल पाते हैं
अगली होली पर सँग होंगे, कह दिल को समझाते हैं
देख रहे हैं मीठे सपने, होगा कब ये मधुर मिलन
खेल रहे आँखों आँखों में, होली सजनी से साजन
खेल रहे आँखों आँखों में, होली सजनी से साजन

नज़रों की भर कर पिचकारी, साजन ने ऐसी डाली
सजनी के गालों पर आई, बिन गुलाल के ही लाली
मुस्कानों के फूल खिल गये, महक गया मन का आँगन
खेल रहे आँखों आँखों में, होली सजनी से साजन

सुनो सजन ये दुनिया हमको, अलग नहीं कर पायेगी
प्रीत हमारी सच्ची पावन, बात समझ आ जाएगी
जनम जनम से बँधा हुआ है,मधुर प्रीत का ये बन्धन
खेल रहे आँखों आँखों में ,होली सजनी से साजन

16-03-2022
डॉ अर्चना गुप्ता

2 Likes · 2 Comments · 1699 Views
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