होली 2
बंदर जैसा मुख हुआ, गर्दभ जैसी चाल
रंगो ने मिल भाँग से , ऐसा किया धमाल
ऐसा किया धमाल, सभी गम अपने भूले
हुए सभी यूँ मस्त, पेट हँस हँस कर फूले
साफ़ हुआ सब मैल, जमा जो मन के अंदर
होली के रँग खेल, लगे सब जैसे बंदर
2
होली में व्यवहार को ,सतरंगी लें रंग
बोली मीठी पाग लें , इन गुझियों के संग
इन गुझियों के संग, बाँट लें हम खुशियां गम
जला होलिका आज , बुराई करले कुछ कम
मन को रखें साफ़, कपट को मारें गोली
रखकर हम सद्भाव, मनाएं आओ होली
डॉ अर्चना गुप्ता