होली
होली/दोहे
होली बन के छा रही, रंगों की बौछार
नाच -नाच टोली चली, मार रही पिचकार।।
रंग प्रेम का रंगिए, रहे नमन में दाग
उलझन मिटेजीवन की, वैर फूकिए फाग ।।
सात रंग के मेल की, महिमा अपरंपार
कायनात सारी सजी, सज गया सृजनहार।।
गुलाल कपोल रंगिए, रखिए न मन मलाल
धो दीजै मन मैल को, खेले रंग गुलाल।।
सूरज लेकर आ रहा, नित किरणों का हार
धरती नितअपना रही, सात रंग का हार।।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर (हि० प्र०)