होली
होली के रंग में
अपनों के संग में
जीवन जियो तो
मोद की उमंग में
जो तुम्हारे पास
लेकर आये आस
अपनेपन का उसे
हो जाये अहसास
भूखे को रोटी दो
बड़ी या छोटी दो
तृप्ति हो जाये उसे
इतनी कसौटी दो
चेहरों पे रंगों का
रँगना बे ढंगों का
मतलब कुछ है न
दिखावटी प्रसंगों का
अपनो से प्रेम से
बर्ताव सुखद नेम से
मिलजुलकर सभी से
रहो कुशल क्षेम से
यही तो होली है
प्रकृति की बोली है
खुशियां मन में हों
तो हर दिन रंगोली है