होली
सात रंगों से भरी राते चले,
दिल को बहला रही बाते चले।
झूमती बेले अदा से बाग मे,
गीत प्यारे साथ में गाते चले।
ज़िन्दगी फूलो भरी राहे बनी,
आपके ख्वाबो को जगाते चले।
जाइये ना यु तन्हा छोड़कर के,
ये धड़कने ठोकरे खाते चले।
खिलते साथी सभी ये प्यार से,
खेलकर होली अब मनाते चले।
-मनीषा “जोबन”