Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Mar 2018 · 1 min read

होली

होली
———
निकला‌ करते हैं दिलों‌ के गुबार होली में ।
बिछुड़े मिलते हैं आपस में यार होली में ।।
*
निकल पड़ी है घर से नौजवानों की टोली,
छान ली सबने आज मिल के भंग की गोली,
लगती मिसरी सी इनकी गालियाँ भरी बोली,
गली-गली में हो रही है रंग की होली ,
आज गुलज़ार है दिल का बजार होली में ।
*
जिधर भी देखिये रँग की फुहार बरसे है,
गाल पर रंग लगाने को कोई तरसे है,
देख गोरी पे चढ़ा रंग कोई हरषे है ,
पता ये लगता नहीं कौन किसके घर से है,
दिल से दिल का मिला है आज तार होली में ।
*
कोई घूँघट से अपने नैन तीर छोड़े है,
कोई नज़रों से मिला अपनी नज़र जोड़े है,
कोई फैला केे बाँह उसकी ओर दौड़े है,
तो कोई रंग के गुब्बारे भरे फोड़े है ,
हुई है भीग कर के तर बहार होली में ।
*
मौज मस्ती है और रंग के नज़ारे हैं,
रंग पिचकारियों में भर के कोई मारे है ,
कोई गुजरी को बड़े नेह से निहारे है,
कोई हँस-हँस के उसे जोर से पुकारे है,
छलक रहा है जाम बार-बार होली में ।
*
-महेश जैन ‘ज्योति’
मथुरा ।
१ मार्च, २०१८
***

Language: Hindi
Tag: गीत
520 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahesh Jain 'Jyoti'
View all
You may also like:
दिल का आलम
दिल का आलम
Surinder blackpen
"बेल"
Dr. Kishan tandon kranti
13) “धूम्रपान-तम्बाकू निषेध”
13) “धूम्रपान-तम्बाकू निषेध”
Sapna Arora
हमने क्या खोया
हमने क्या खोया
Dr fauzia Naseem shad
मैं रूठ जाता हूँ खुद से, उससे, सबसे
मैं रूठ जाता हूँ खुद से, उससे, सबसे
सिद्धार्थ गोरखपुरी
किसी ने हमसे कहा कि सरोवर एक ही होता है इसमें हंस मोती ढ़ूँढ़त
किसी ने हमसे कहा कि सरोवर एक ही होता है इसमें हंस मोती ढ़ूँढ़त
Dr. Man Mohan Krishna
3055.*पूर्णिका*
3055.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
........
........
शेखर सिंह
इश्क की राहों में इक दिन तो गुज़र कर देखिए।
इश्क की राहों में इक दिन तो गुज़र कर देखिए।
सत्य कुमार प्रेमी
इस कदर भीगा हुआ हूँ
इस कदर भीगा हुआ हूँ
Dr. Rajeev Jain
हे राम तुम्हारे आने से बन रही अयोध्या राजधानी।
हे राम तुम्हारे आने से बन रही अयोध्या राजधानी।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
सांत्वना
सांत्वना
भरत कुमार सोलंकी
दोहे-मुट्ठी
दोहे-मुट्ठी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढते हैं ।
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढते हैं ।
Phool gufran
अन्नदाता
अन्नदाता
Akash Yadav
*मन में जिसके लग गई, प्रभु की गहरी प्यास (कुंडलिया)*
*मन में जिसके लग गई, प्रभु की गहरी प्यास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
लुट गए अरमान तो गम हमें होगा बहुत
लुट गए अरमान तो गम हमें होगा बहुत
VINOD CHAUHAN
दोस्तों !
दोस्तों !
Raju Gajbhiye
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
दिल का मौसम सादा है
दिल का मौसम सादा है
Shweta Soni
किसी चमत्कार की प्रतीक्षा में
किसी चमत्कार की प्रतीक्षा में
Chitra Bisht
🙅महा-ज्ञान🙅
🙅महा-ज्ञान🙅
*प्रणय*
वेलेंटाइन डे शारीरिक संबंध बनाने की एक पूर्व नियोजित तिथि है
वेलेंटाइन डे शारीरिक संबंध बनाने की एक पूर्व नियोजित तिथि है
Rj Anand Prajapati
सौ बार मरता है
सौ बार मरता है
sushil sarna
असली काम तो वह है जो आप खुद पर करते हैं।
असली काम तो वह है जो आप खुद पर करते हैं।
पूर्वार्थ
जुदाई
जुदाई
Dipak Kumar "Girja"
मोल
मोल
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
मेरे भी दिवाने है
मेरे भी दिवाने है
Pratibha Pandey
बदलती जिंदगी की राहें
बदलती जिंदगी की राहें
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
*आहा! आलू बड़े मजेदार*
*आहा! आलू बड़े मजेदार*
Dushyant Kumar
Loading...