होली
1
खुशबू भरी बसंत की,चारो ओर बयार
फूलों की ही बस दिखे , खिलती हुई बहार
प्यार का आया मौसम, दूर हो जाएंगे गम
2
बागों में खिलने लगी, फूलों की मुस्कान
फागुन में हमको मिली, है रंगों की खान
खिली देखो हरियाली, कूकती कोयल काली
3
सद्भावों के रंग में, घोलेंगे हम प्यार
करना है संसार को, पूरा इक परिवार
मिटा धर्मों का अंतर, गले दुश्मन के लगकर
4
कितने रंगों से भरा , होली का त्यौहार
कड़वाहट दिल से मिटा, मीठा कर व्यवहार
बोल बस मीठी बोली , बुराई को कर होली
5
बेला सजी बसंत की, खिली हुई है धूप
दुल्हन जैसा सज रहा , है धरती का रूप
खुशी से भर लो झोली, गमों को मारो गोली
27-02-2018
डॉ अर्चना गुप्ता