Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jul 2017 · 1 min read

होली है भाई होली

जमुरों की यह टोली
लगती कितनी भोली
देती सबको गोली
होली है भाई होली।
खूल्ले सांड सा दौड़े
करते सीना चौड़े
खुले सड़क पे भागे
बाप से खर्चा मांगे,
निकम्मो की यह टोली
होली है भाई होली।
बड़ा बुजूर्ग न मानें
काम करे मन माने,
कुल का नाम डुबाये
बैठ मुफ्त का खाये,
कड़वी इनकी बोली
होली है भाई होली।
घर से दूर न जायें
चाहे कोई भगायें
परूआ बैल सा चलते
जीवन भर हाथ है मलते
खाली रहती झोली
होली है भाई होली।
अच्छा मांगे खाना
सबको मारें ताना,
इनमें ना कोई बुराई
समझे दारू को दवाई,
खायें नित्य भांग की गोली
होली है भाई होली।
©®पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
7/2/2017
9560335952

Language: Hindi
389 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all
You may also like:
इश्क जितना गहरा है, उसका रंग उतना ही फीका है
इश्क जितना गहरा है, उसका रंग उतना ही फीका है
पूर्वार्थ
* शक्ति स्वरूपा *
* शक्ति स्वरूपा *
surenderpal vaidya
राणा प्रताप
राणा प्रताप
Dr Archana Gupta
लाइफ का कोई रिमोट नहीं होता
लाइफ का कोई रिमोट नहीं होता
शेखर सिंह
फूल
फूल
Punam Pande
मुक्तक
मुक्तक
Suryakant Dwivedi
"ऐ जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
अपना घर फूंकने वाला शायर
अपना घर फूंकने वाला शायर
Shekhar Chandra Mitra
*रामपुर रियासत को कायम रखने का अंतिम प्रयास और रामभरोसे लाल सर्राफ का ऐतिहासिक विरोध*
*रामपुर रियासत को कायम रखने का अंतिम प्रयास और रामभरोसे लाल सर्राफ का ऐतिहासिक विरोध*
Ravi Prakash
पीड़ाएं सही जाती हैं..
पीड़ाएं सही जाती हैं..
Priya Maithil
कल रहूॅं-ना रहूॅं...
कल रहूॅं-ना रहूॅं...
पंकज कुमार कर्ण
सुरभित पवन फिज़ा को मादक बना रही है।
सुरभित पवन फिज़ा को मादक बना रही है।
सत्य कुमार प्रेमी
#काहे_ई_बिदाई_होला_बाबूजी_के_घर_से?
#काहे_ई_बिदाई_होला_बाबूजी_के_घर_से?
संजीव शुक्ल 'सचिन'
दिन में रात
दिन में रात
MSW Sunil SainiCENA
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मैं मित्र समझता हूं, वो भगवान समझता है।
मैं मित्र समझता हूं, वो भगवान समझता है।
Sanjay ' शून्य'
अवध में राम
अवध में राम
Anamika Tiwari 'annpurna '
याद हमारी बहुत आयेगी कल को
याद हमारी बहुत आयेगी कल को
gurudeenverma198
माँ की ममता,प्यार पिता का, बेटी बाबुल छोड़ चली।
माँ की ममता,प्यार पिता का, बेटी बाबुल छोड़ चली।
Anil Mishra Prahari
कहां जाऊं सत्य की खोज में।
कहां जाऊं सत्य की खोज में।
Taj Mohammad
गैरों सी लगती है दुनिया
गैरों सी लगती है दुनिया
देवराज यादव
3284.*पूर्णिका*
3284.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पैर धरा पर हो, मगर नजर आसमां पर भी रखना।
पैर धरा पर हो, मगर नजर आसमां पर भी रखना।
Seema gupta,Alwar
मुश्किल राहों पर भी, सफर को आसान बनाते हैं।
मुश्किल राहों पर भी, सफर को आसान बनाते हैं।
Neelam Sharma
खामोशी : काश इसे भी पढ़ लेता....!
खामोशी : काश इसे भी पढ़ लेता....!
VEDANTA PATEL
मनांतर🙏
मनांतर🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तुझसे मिलते हुए यूँ तो एक जमाना गुजरा
तुझसे मिलते हुए यूँ तो एक जमाना गुजरा
Rashmi Ranjan
तेरी फ़ितरत, तेरी कुदरत
तेरी फ़ितरत, तेरी कुदरत
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कुंडलिनी छंद
कुंडलिनी छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
■ पौधरोपण दिखावे और प्रदर्शन का विषय नहीं।
■ पौधरोपण दिखावे और प्रदर्शन का विषय नहीं।
*प्रणय प्रभात*
Loading...