….. होली में हुड़दंगा करले
= होली में हुड़दंगा करले=
================
होली में हुड़दंगा कर ले, आजा थोड़ा दंगा कर ले ।
उम्र जवानी की थोड़ी है, प्यार में थोड़ा पंगा कर ले ।।
होली में हुड़दंगा करले………..
आजा रंग जा मेरे रंग में, तू जंचती है मेरे संग में ।
बहुत दिनों से मिले नहीं है, यादों को फिर चंगा कर ले ।।
होली में हुड़दंगा करले………..
इधर-उधर क्यूं बचती फिरती, नजरें क्यूं तू चार ना करती ।
मौका अच्छा है मिलने का ,खुद को आज पतंगा कर ले ।।
होली में हुड़दंगा करले………….
छोड़ेंगे ना हम हमजोली, भीगें चाहे चुनरी -चोली !
तेरे चाचा से नहीं डरते, चाहे जैसा दंगा कर ले ।।
होली में हुड़दंगा करले…………..
रंगो की इस रंगोली में, आ भी जा मेरी खोली में ।
मैं “सागर” तू नदिया बन जा, प्यार को मस्त मलंगा कर ले ।।
होली में हुड़दंगा करले………..!!
======
मूल गीतकार ….
डॉ. नरेश कुमार “सागर” जिला… हापुड़… उत्तर प्रदेश