होली में क्या क्या होना चाहिए
जब तक होली में रंग गुलाल ना हो
मन में ख़ुशी हो पर कोइ मलाल ना हो
अपने और पराये का कोई सवाल ना हो
ऊच और नीच का कोइ ख्याल ना हो
छोटे और बडो का कोइ बबाल ना हो
जब तक होली क्या होली हैं?
वरना रंगो के साथ ठठोली हैं।
जब तक होली में हलवाई ना हो
देशी घी की मिठाई ना हो
भांग भरे पकोड़े ना हो
उसमे चटनी की लाग लगाई ना हो
जब तक होली क्या होली हैं ?
वरना रंगो के साथ ठठोली हैं।
जब तक होली में पिचकारी ना हो
बच्चो की हंसी की खिलकारी ना हो
यार दोस्तों के साथ कोई मक्कारी ना हो
प्यार के रंगो का कोई भिखारी ना हो
जब तक होली क्या होली हैं ?
वरना रंगो के साथ ठठोली हैं।
जब तक होली में ठंडी ठंडाई ना हो
उसमे थोड़ी सी भंग मिलाई ना हो
भंग की बढिया सी पिसाई ना हो
सलज ने अपने हाथो से पिलाई ना हो
जब तक होली क्या होली हैं ?
वरना रंगो के साथ ठठोली हैं।
जब तक होली में हुडदंग ना हो
भाभी देवर का संग ना हो
जीजा साली में छीना झपटी ना हो
थोड़ी सी आपस में लिपटा लिपटी ना हो
जब तक होली क्या होली हैं ?
वरना रंगो के साथ ठठोली हैं।
जब तक होली में मुह काले पीले ना हो
पहने हुए वस्त्र जरा ढीले ना हो
गोरी के गाल रसीले ना हो
बालो में उसके गजरा ना हो
आँखों में उसके कजरा ना हो
जब तक होली भी क्या होली हैं?
वरना रंगो के साथ ठठोली हैं।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम