होली में क्या क्या होना चाहिए –आर के रस्तोगी
होली में जब तक हलवाई ना हो |
देशी घी की मिठाई बनाई ना हो ||
गर्म गर्म भांग के पकोड़े ना हो |
उन पर चटनी की लाग लगाई ना हो ||
तब तक होली क्या होली है ?
वर्ना रंगों के साथ ठिठोली है ||
होली में जब तक रंग गुलाल ना हो |
खेलने वालो के दिल में मलाल ना हो ||
अपने सगे सम्बन्धियों का साथ ना हो |
खेलने वालो की पूरी बरात ना हो ||
तब तक होली क्या होली है ?
वर्ना रंगों के साथ ठिठोली है ||
होली माँ जब तक पिचकारी ना हो |
बच्चो की मस्ती और खिल्कारी ना हो ||
रंग-बिरंगे भरे गुब्बारे ना हो |
उनसे निकलते फब्बारे ना हो ||
तब तक होली क्या होली है ?
वरना रंगों के साथ ठिठोली है ||
होली में जब तक ठंडी ठंडाई ना हो |
उसमे थोड़ी सी भांग मिलाई ना हो ||
सिल बट्टे से उसकी पिसाई ना हो |
दस बारह गिलास पिलाई ना हो ||
तब तक होली क्या होली है ?
वर्ना रंगों के साथ ठिठोली है ||
होली में जब तक हुडदंग ना हो |
भाभी देवर का संग ना हो |
सभी के चेहरे बदरंग ना हो ||
भाभी के हाथ थोड़े से दबंग ना हो |
देवर के जरा पीटते अंग ना हो ||
तब तक होली क्या होली है ?
वर्ना रंगों के साथ ठिठोली है ||
होली में जब तक जीजा साली का संग ना हो |
एक दूजे को वे पिलाते हुये भंग ना हो ||
आपस में उनमे छीना झपटी ना हो |
थोड़ी सी उनमे लिपटा लिपटी ना हो ||
तब तक होली क्या होली है ?
वर्ना रंगों के साथ ठिठोली है ||
होली में जब तक हम जोली ना हो |
दोस्तों के साथ अपनी टोली ना हो ||
उनके साथ झूमते हुये डान्स ना हो |
थोडा सा उनके साथ रोमांस ना हो ||
तब तक होली क्या होली है ?
वर्ना रंगों के साथ ठिठोली है ||
होली में जब तक संगीत का आयोजन ना हो |
उसमे उमंग भरे गीतों का गायन ना हो ||
साथ में ढोल मंजीरे ना हो |
थिरकते हुये सभी के पैर ना हो ||
तब तक होली क्या होली है ?
वर्ना रंगों के साथ ठिठोली है ||
आर के रस्तोगी
मो 9971006425