होली पर बस एक गिला।
ग़ज़ल
होली पर बस एक गिला।
वो क्यों मुझसे नहीं मिला।
खोले थे दिल के दरवाजे,
उसने रक्खा बंद किला।।
हम दोनों तो एक से हैं,
गांव शहर औ’र एक जिला।
भाई चारा रोप दिया पर,
फूल प्यार का नहीं खिला।
‘प्रेमी’ एक अकेला था,
मिला प्यार का नहीं सिला।
……… सत्य कुमार प्रेमी