होली गीत
होली आई कान्हा मोहे रंग लगा दे।
लाल न भाये, रंग पीला न भाये,
श्याम रंग अंग – अंग डुबा दे।
होली आई कान्हा…..
दूध न भाये, मोहे दही न भाये,
माखन मिश्री आज खिला दे ।
होली आई कान्हा ……
ढोल – मृदंग की थाप न चाहूँ ,
धुन वंशी की मधुर सुना दे ।
होली आई कान्हा ….
चरण-कमल तोरे विनती इतनी,
भवसागर मोहे पार लगा दे ।
होली आई कान्हा …..
रचनाकार : कंचन खन्ना, मुरादाबाद,
(उ०प्र०, भारत)।
सर्वाधिकार : सुरक्षित (रचनाकार)।
दिनांक : १०.०३.२०२०.