होली खेलें रे ब्रजबाला
सभी देशवासियों को होली की हार्दिक शुभकामनायें ”
होरी खेलें रे ब्रज -बाला।
संग में नन्द के लाला।।
होरी ——————
संग —————–
भरी पिचकारी,अंगना पे मारी।
भिगोये दई चुनरी म्हा री।
भयो ये खेल निराला।
होरी खेलें रे ब्रज -बाला।।
संग में नन्द के लाला।
होरी खेलें रे ब्रज -बाला।।
कोई पीवे भांग को प्याला।
धरे कोई भेष निराला।।
होरी खेलें रे ब्रज -बाला।
संग में नन्द के लाला।।
काहू की पहिचान न पड़िबो ,
काहू को मुँह पीलाऔर काला।
होरी खेलें रे ब्रज -बाला।
संग में नन्द के लाला।।
लठ -मार कोई खेलवो होली ,
लागे कोई सबुन में आला।
होरी खेलें रे ब्रज -बाला।
संग में नन्द के लाला।।