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5 Mar 2017 · 1 min read

** होली खेलत नन्दलाल **

. राधिका गोरी संग
ब्रज की छोरी संग
बनवारी बिहारी अब
होली खेलत नन्दलाल
बचाये भोली राधा अपने
अपने तन के तंग अंग
माने ना चंचल कान्हा
डारे फिर फिर श्यामल रंग
चाहे कितना ही बचाले राधिका
अपने अंग की अंगिया को
कान्हा छोड़े ना राधिका
गोरी को बिन डारे रंग
अब बचा न पायेगी
श्याम से श्यामल रंग
गोपिका देखकर भीगे
बदन रह जायेगी दंग
कहीं पी ली ना भंग
अब खेले राधा संग
होली खेलत ननंदलाल ।।। ?मधुप बैरागी

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 374 Views
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