Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Mar 2018 · 1 min read

होली की कथा

हमारी पौराणिक कथाऐं कहती हैं

होली की कथा निष्ठुर ,

एक थे भक्त प्रह्लाद

पिता जिनका हिरण्यकशिपु असुर।

थी उनकी बुआ होलिका

थी ममतामयी माता कयाधु ,

दैत्य कुल में जन्मे

चिरंजीवी प्रह्लाद साधु।

ईश्वर भक्ति से हो जाय विचलित प्रह्लाद

पिता ने किये नाना प्रकार के उपाय,

हो जाय जब विद्रोही बेटा

बाप को पलभर न सुहाय।

थे बाप-बेटे में मतभेद भारी

कहता बाप स्वयं को भगवान् ,

रहे झेलते यातनाऐं प्रह्लाद सदाचारी

अनाचार को नहीं की मान्यता प्रदान।

रार ज़्यादा ठनी जब

ख़्याल अपना लिया भयंकर हिरण्यकशिपु ने,

बुलाया बहन होलिका को

प्रह्लाद को मारने।

ब्रह्मा जी ने दिया था

होलिका को वरदान,

आग तुम्हें न जला सकेगी

जब करोगी कार्य महान।

लेकर बैठ गयी ज़बरन प्रह्लाद को चिता पर

छीनकर माँ से उसके दुलारे को ,

माँ चीख़ती रही बे-बस

खोला होलिका ने दुष्टता के पिटारे को।

नाम लेते रहे प्रह्लाद प्रभु का

भस्म हो गयी होलिका,

बचा न सका वरदान भी

होता नहीं यत्न कोई प्रमाद की भूल का।

सकुशल निकले भक्त प्रह्लाद

प्रचंड चिताग्नि से

आओ होली मनाऐं भर-भर उल्लास

विमुक्त हों चिंताग्नि से।

आओ जला दें आज अहंकार अपने

खोल दें उमंगों को जीभर मचलने।

# रवीन्द्र सिंह यादव

Language: Hindi
486 Views

You may also like these posts

23/131.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/131.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*दोहे*
*दोहे*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
विचारों का संगम, भावनाओं की धारा,
विचारों का संगम, भावनाओं की धारा,
Kanchan Alok Malu
हे! मां शारदे आपका क्या कहना।
हे! मां शारदे आपका क्या कहना।
Rj Anand Prajapati
भय
भय
Shyam Sundar Subramanian
खेती-बारी पर आधारित आठ गो दोहा
खेती-बारी पर आधारित आठ गो दोहा
आकाश महेशपुरी
टूटने का मर्म
टूटने का मर्म
Surinder blackpen
सफलता की फसल सींचने को
सफलता की फसल सींचने को
Sunil Maheshwari
ज़िंदगी  है  गीत  इसको  गुनगुनाना चाहिए
ज़िंदगी है गीत इसको गुनगुनाना चाहिए
Dr Archana Gupta
विचार-विमर्श के मुद्दे उठे कई,
विचार-विमर्श के मुद्दे उठे कई,
Ajit Kumar "Karn"
हम भी रोये नहीं
हम भी रोये नहीं
Sanjay Narayan
"" *मन तो मन है* ""
सुनीलानंद महंत
सहयोगी भाव से बढ़ता रहा समाज
सहयोगी भाव से बढ़ता रहा समाज
Sudhir srivastava
देवी महात्म्य सप्तम अंक 7
देवी महात्म्य सप्तम अंक 7
मधुसूदन गौतम
वो गिर गया नज़र से, मगर बेखबर सा है।
वो गिर गया नज़र से, मगर बेखबर सा है।
Sanjay ' शून्य'
बिन माली बाग नहीं खिलता
बिन माली बाग नहीं खिलता
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
आप और हम
आप और हम
Neeraj Agarwal
न मन को अब होगी
न मन को अब होगी
Dr fauzia Naseem shad
समय और परमात्मा
समय और परमात्मा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
😊 व्यक्तिगत मत :--
😊 व्यक्तिगत मत :--
*प्रणय*
*किताब*
*किताब*
Dushyant Kumar
"एक दूसरे पर हावी हो चुके हैं ll
पूर्वार्थ
"भलाई"
Dr. Kishan tandon kranti
Time
Time
Aisha Mohan
*धारा सत्तर तीन सौ, अब अतीत का काल (कुंडलिया)*
*धारा सत्तर तीन सौ, अब अतीत का काल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मन में सुकून कहाँ
मन में सुकून कहाँ
Aditya Prakash
किरदार
किरदार
Ruchika Rai
वसंततिलका छन्द
वसंततिलका छन्द
Neelam Sharma
धुंध छाई उजाला अमर चाहिए।
धुंध छाई उजाला अमर चाहिए।
Rajesh Tiwari
प्रीत
प्रीत
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
Loading...