होली की उमंग ——-(दूमदार दोहे)
(१)होली की उमंग थी,खेलेंगे हम रंग।
लौट कोराना आ गया,करने लगा है तंग।
जंग है फिर से लड़ना,नहीं है भंग रगड़ना।।
(२) बरस एक तो हो गया,लील गया कई जान।
दुआ आप हम सब करे,जल्दी जाए शैतान।
होली तब खूब खेलेंगे, रंग हम खूब मलेंगे।।
(३)शासन जैसा कह रहा,माने हम सब बात।
होली घर में खेल ले,क्या है अपना जात।
जंग यह जीत जाएंगे,गीत रंगो के गाएंगे।।
(४)मीठी बोली प्रेम की,सबसे सुंदर रंग।
तन मन में बसाईए,उपजे नई तरंग
अंग अंग मुस्काए,मज़ा जीने का आए।।
राजेश व्यास अनुनय