*होली का हवन (दस दोहे, एक मुक्तक)*
होली का हवन (दस दोहे, एक मुक्तक)
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भारत विभाजन के दौरान हुए दंगा-फसाद के उपरांत रामपुर, उत्तर प्रदेश के कूॅंचा परमेश्वरी दास, बाजार सर्राफा, निकट मिस्टन गंज के मोहल्ला निवासियों ने 1948 में अपने मोहल्ले में होलिका-दहन की शाम को हवन करने की परंपरा डाली ।
पंडित जी के द्वारा वैदिक मंत्रोचार के साथ अग्निकुंड में सामग्री अर्पण के साथ “स्वाहा” की ध्वनि राष्ट्रीय एकता तथा भारत भक्ति के भावों को हृदयों में अंकित करती गई ।
2023 की होली पर इस परंपरा को अब 75 वर्ष हो गए। अर्थात यह भारत के अमृत महोत्सव के साथ-साथ होली पर हवन की परंपरा का भी अमृत महोत्सव है ।
इस अवसर पर प्रस्तुत हैं कुछ देशभक्ति से भरे दोहे तथा एक मुक्तक:-
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मुक्तक
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हवन का अर्थ है लौटे न, फिर से देश-बॅंटवारा
हवन का अर्थ है भारत, हमें है प्राण से प्यारा
हवन का अर्थ सबमें, एकता का भाव जग जाए
हवन का अर्थ जिंदाबाद-भारत का सतत नारा
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कुछ दोहे:-
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1
देशभक्ति की भावना, रखें हमेशा याद
कहता होली का हवन, भारत जिंदाबाद
2
सन सैंतालिस हो नहीं, पुनरावृत्ति-प्रयास
शुरू हुआ होली हवन, लेकर नूतन आस
3
देश विभाजन क्यों हुआ, सोचो मिल फिर आज
कितने कष्टों से मिला, खंडित हमें स्वराज
4
पहली होली जब हुई, बॅंटवारे के बाद
हवन शुरू करके किया, मॉं भारत को याद
5
होली का यह है हवन, मंत्रों का संचार
अपनी संस्कृति देश के, हम सब पहरेदार
6
कभी नहीं जाना पड़े, अपनी धरती छोड़
आए कभी न देश में, पुनः भयावह मोड़
7
भूलो मत इतिहास को, भूलो मत वह दौर
जाना अनगिन को पड़ा, छोड़-छाड़ घर ठौर
8
रखिए मैत्री-एकता, आपस में सब संग
हवन करें मिल-बैठकर, भरें प्रेम के रंग
9
नगर रामपुर में लगा, मार्शल लॉ का क्लेश
काला जैसा पड़ गया, सुंदर इसका वेश
10
देश विभाजन जानिए, सपना बुरा विचार
इसका हल बस एक है, वैदिक मंत्रोच्चार
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997615451