होली का पावन पर्व
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होती है जय सत्य की, अटल सत्य यह जान।
भक्तो के रक्षक सदा, होते है भगवान।।
दहन हुआ है होलिका, बचें रहें प्रहलाद।
देख दृश्य यह सब करें, खुशियों का फिर नाद।।
बढ़ जाता आनंद जब, सभी मित्र हो संग।
मिलकर सब फिर खेलते, होली के नव रंग।।
होली के दिन भूलकर, अपना सारा बैर।
मिलकर होली खेलिए, अपना हो या गैर।।
—-जेपीएल
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