होली आई
कलियों पे है योवन छाया, गोकुल की गलियाँ बोली
झूम रहा है बरसाना, कान्हा की आई टोली
सतरंगी धरती नील गगन, भँवरो का है बहका मन
गाए पपीहा कोयल बोली, आओ मिलकर खेले होली
राग हो रँग हो, हर तरफ उमंग हो
प्रेम रस फुहार से, भीगा अंग अंग हो
चंदन, केसर, अबीर औ गुलाल हो
दिखे राधा हर छोरी, छोरा नंदलाल हो
मुख पे हो मीठी सी, गुझिया सी गाली हो
टेसू, पलास, सिंदूर, गेरूए की थाली हो
मुरली की तान संग, गोपियों के गीत हैं
हाथों में लाठी है, नैनो में प्रीत है
आमो पे बौर संग, मंजरी का गान है
झूमती है मस्त धरा, झूमा आसमान है
राधा की अखियों को, भाया है श्याम रँग
युगल छवि सोहे, ज्यू चपला घनश्याम संग
कान्हा ने रास रचा, राधा हमजोली
भीगा है अंग अंग, भीगी है चोली
केवडा, गुलाब ख़स, उड़ती है रोली
जय राधे, जय मोहन, पात शाख बोली
होली के रंगों में, बैर को भुलाए
ऊंच नीच, छोटा बड़ा, भेद मिटाए
भेद न हो, खेद न हो, खुशियों की सरगम
होली में दुर्गुणों की, होली जलाए