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17 Mar 2022 · 1 min read

होलिका दहन एक कुप्रथा

होलिका बुरी थी
तो पूजन क्यों ?
.
कहीं ???
प्रह्लाद का बचाव.
पुरुष-प्रधान समाज की नींव तो नहीं !
.
सभी स्त्रियों की मानसिकता को ध्वस्त कर , उन्हीं में उल्हास , अजीब घटना है
.
पुरुषों के द्वारा मिलकर
एक नारी के प्रति इतने पतित भाव,
समाज में इख्तियार करना.
.
सचमुच आपसी सद्भाव भाईचारा बिगाडने की कुप्रथा का स्वीकार अचंभित करनेवाला है.
.
ये घटनाएं समाज में आज अभिभूत हो रही है, तो जिम्मेदार कौन ???
इसमें राधेय कृष्ण की मिलावट.
.
अंध-आस्था/विश्वास/कुप्रथा/परंपरा/
इंसान के आधारभूत विचारधारा को
बल से विराम .. देने का नाम.. पे उत्सव पर्व को स्थापित किया गया है.
.
मुझे कुछ नहीं कहना.
आपका हिंदुत्व तुम्हें मुबारक,
जो मनुष्य की मूलभूत आधार को ध्वस्त करें.
.
जिसकी जीव जीवन पानी अग्नि पृथ्वी पशु और खेती में आस्था न हो.
वे सब आत्मघाती हैं.

Language: Hindi
Tag: लेख
4 Likes · 1 Comment · 510 Views
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