होरी
(महादेव को समर्पित)
खेलत होरी बिहाने;
खेलत होरी बिहाने
मसाने
आदिदेव महादेव….
संग शक्ति, सती अति प्यारी
मोहे धरा, चराचर सारी
सोहे नंदी सवारी;
मसाने
आदिदेव महादेव…..
खेलत फाग मगन भंडारी
नाचत गावत डमरू धारी
भस्म उड़े, महि – राख उड़ावें
भूत – पिशाच कमर लचकावें!
उड़े भांग – मदिरा;
मसाने
आदिदेव महादेव…..
खेलत होरी बिहाने
मसाने
आदिदेव महादेव……
नाद – मृदंग,
करताल बजावें
नाग, जाह्नवी , शशि
शीश झुकावें
गण खड़े कर जोरी ;
मसाने
आदिदेव महादेव…..
खेलत होरी बिहाने
मसाने
आदिदेव महादेव…..
भर अंग भस्म,
जटा लहरावें
संग सती सब करतल गावें
काग – भुशुंडि निहारें ;
मसाने
आदिदेव महादेव….
नाचत नटवर,
नाच नचावें
भस्म ललाट त्रिशूल सोहावें
जगमग भाल विताना
दिगंबर,
आदिदेव महादेव…..
खेलत होरी बिहाने
मसाने
आदिदेव महादेव…..
© अनिल कुमार श्रीवास्तव