होरी खेलन आयेनहीं नन्दलाल
होरी खेलन आए नही नंदलाल!
सोच सोच मोए होय मलाल!!
फीके लागै रंग लाल नीले -पीले!
अंगिया चोली सबही है गई गीले!!
ग्वाल बाल सब फेक रहे गुलाल!
होरी खेलन आए नही नंदलाल!!
पूछै ग्वाल बाल औ छोरा -छोरी
ऐसी का कर दीन्ही मैनै बरजोरी?
जो रूठ गयौ मोतै मेरो बृजलाल!!
होरी खेलन आए नही नंदलाल!!
समझ गई मै कान्हा तेरी ढिठाई ,
काऊ नै तेरी बंसी होय लुकाई!!
या राधे संग हुईऐ मदनगुपाल!
होरी खेलन आए नही नंदलाल!!
गोकुल,नंदगँ|व बरसानै तोय ढूढौ!
मथुरा बृन्दावन कुन्ज गली मै ढूढौ!!
ढूढ ढूढ तोय मै अब भई बेहाल!
होरी खेलन आए नही नंदलाल!!
बोधिसत्व कस्तूरिया एडवोकेट,कवी,पत्रकार
202 नीरव निकुजं,फेस-2,सिकंदरा,आगरा-282007
मो:9412553093