“होना ज़रूरी है “
“होली में रंगो का, राजनीति में दंगों को,भाषण में वादों का, थोड़े विवादों का होना ज़रूरी है,
सत्ता में जुगाड़ का, दिल्ली में तिहाड़ का ,विपक्ष में दहाड़ का,होना ज़रूरी है,
परिवर्तन की आंधी का,जीत के लिए ‘आर गांधी’ का होना ज़रूरी है,
जवानी में चक्कर का,शर्बत में शक्कर का ,चुनाव में टक्कर का होना ज़रूरी है”
ज़रूरत पर मेल ,राजनीति में जेल,जीवन में खेल,पटरी पर रेल का होना ज़रूरी है,
नीयत में भलाई का ,देश में सफ़ाई का, चुनाव में चतुराई का होना ज़रूरी है,
बाग में माली, ताले संग ताली,ससुराल में साली का होना ज़रूरी है,
खुशी में मिठाई, दूध में मलाई, ठंड में रजाई,जोरू का भाई होना ज़रूरी है,
सावन में झूलों का,आंगन में फूलों का,शादियों में दुल्हो का होना ज़रूरी है,
चिड़ियों की चहक, दाल में नमक ,इत्र में महक का
होना ज़रूरी है,
बंगला गाड़ी कारों का,साथ रिश्तेदारों का,अच्छे विचारों का और संस्कारों का होना ज़रूरी है,
पान में सुपारी,खाने में तरकारी,नौकरी सरकारी,घर में आलमारी,बाजार में व्यापारी,रिश्ते में वफ़ादारी का होना ज़रूरी है,
ब्यूटीफूल फेस का,जेब में कैश का,जीवन में ऐश का होना ज़रूरी है,
प्यार में जुदाई का,रस्म में सगाई का,शादी में विदाई का घर में लुगाई का होना ज़रूरी है”