होना चाहिए
हाले दिल की उनको ख़बर होना चाहिए
दोस्त कम हों मगर मोअतबर होना चाहिए
मुक़द्दर से कहो कि कोई ज़्यादती न हो
सुख-दुःख दोनो ही बराबर होना चाहिए
यह गिले शिकवे क्या करना तक़दीरों से
आदमी को मुक़द्दर का सिकंदर होना चाहिए
जिस तरह चोट करने पे आमादा हैं लोग
बेशक इस दौर में दिल पत्थर होना चाहिए
लफ़्ज़ उसके झूठे भी तो हो सकते हैं ‘अर्श’
जो उसके दिल में है वो उजागर होना चाहिए