*होते यदि सीमेंट के, बोरे पीपा तेल (कुंडलिया)*
होते यदि सीमेंट के, बोरे पीपा तेल (कुंडलिया)
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होते यदि सीमेंट के, बोरे पीपा तेल
ई रिक्शा पर बैठकर, करते दिनभर खेल
करते दिनभर खेल, गली-बाजार घुमाते होती
होती कहीं न रोक, स्वयं को माल बताते
कहते रवि कविराय, सवारी कब हैं ढोते
ई रिक्शा का काम, मालवाहक बस होते
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451
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(शहरों में मॉंग यह चल रही है कि ई-रिक्शा पर दुकानदारों के लिए माल ढोने पर कोई प्रतिबंध नहीं हो, लेकिन सवारी ढोने पर भॉंति-भॉंति के प्रतिबंध लगाए जाऍं। यही देखकर उपरोक्त कुंडलिया रची गई है।)