होता रहे निवेश
होते नही समक्ष पर,रखें परस्पर ध्यान !
लगते है अच्छे मुझे, मित्र वही श्रीमान ! !
दिल में जिसके पाप का ,होता रहे निवेश !
कैसे जाए द्वार पर,……उसके बता रमेश ! !
रमेश शर्मा
होते नही समक्ष पर,रखें परस्पर ध्यान !
लगते है अच्छे मुझे, मित्र वही श्रीमान ! !
दिल में जिसके पाप का ,होता रहे निवेश !
कैसे जाए द्वार पर,……उसके बता रमेश ! !
रमेश शर्मा