होंसलों से जीत होगी
********हौसलों से होगी जीत *******
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हौसलें होंगे गर मजबूत तो तेरी जीत होगी,
बहे पसीने के हों सबूत,तो तेरी जीत होगी।
सदा ही,कदमों के नीचे होगी तुम्हारी मंजिल,
निश्चय जो दृढ़ संकल्पित,तो तेरी जीत होगी।
जल मत,जिद्द कर,सदैव ही आगे बढ़ने की,
गाओ विजयश्री के गीत,तो तेरी जीत होगी।
गर गिर जाओगे अधर तो संभलना सीखना,
संभल कर जाओगे मीत तो तेरी जीत होगी।
छोड़ना मत पथ, चाहे पग जाएं कभी थक,
बन अथक बनाओ रीत,तो तेरी जीत होगी।
सागर की लहरों से बहना जाओ तुम सीख,
गंतव्य से कर लोगे प्रीत,तो तेरी जीत होगी।
निरंतर अभ्यास और प्रयास से मिलते लक्ष्य,
रोक न पाएगी कोई भीत,तो तेरी जीत होगी।
मिली विफलताओं से ले लेना तुम तालीम,
मत होना तुम भयभीत तो तेरी जीत होगी।
परिश्रमी लोगो की मेहनत नहीं होती व्यर्थ,
रख सब्र,गर्म हो या शीत,तो तेरी जीत होगी।
मनसीरत होंसलों से ही कटती है हर डगर,
साफ सुथरी होगी नीत ,तो तेरी जीत होगी।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)