होंसला, हिम्मत और खुदा
लाख नुक्तचिनियों की आंधियां चलाए जमाना ,
अपने होंसले की शम्मा को सदा जलाए रखना।
गहरा खड्डा खोदेंगे जाल बिछाए साजिशों के ,
हर एक कदम तुमको फूंक फूंक के है रखना।
अपनी आस्तीनों में सांप पाल रखे है लोगों ने ,
सोच समझ कर ही तुम किसी से हाथ मिलाना ।
पहले वो तो दिल में उतरेंगे अपनापन जताकर ,
गले मिलना मगर खंजर से खबरदार रहना ।
कुछ लोग नजरें मिलाकर दिल के राज पढ़ लेंगे ,
और फिर फैला देंगे जहां में बनाकर अफसाना ।
इसीलिए किसी से भी अपना दर्द न बांटना तुम ,
सारे राज और दर्द अपने सीने में ही जज्ब रखना ।
यहां रिश्ते और दोस्त हैं काग़ज़ के फूलों की तरह ,
बिछाए गर तुम्हारी राहों में फूल उस पर मत चलना।
ये दुनिया धोखे और साजिशों से भरी हुई है दोस्त !
इसीलिए यकीन गर करना तो बस खुद पर करना।
इंसान के जीवन में बस दो ही सच्चे दोस्त होते हैं,
एक खुद पर यकीन और दूसरा हिम्मत का होना ।
खुद पर यकीन,हिम्मत और होंसला इंसान के मीत,
जो सिखाते हुनर दुनिया में सर उठाकर कैसे जीना ।
जिंदादिली से जिओ तो खुदा भी सदा तुम्हारे साथ ,
मेहनत करो इतनी की तकदीर भी छोड़ दे सताना ।
“अनु”को तो यकीन है खुद से भी जायदा खुदा पर ,
गर वो साथ है तो फिर जालिम ज़माने से क्या डरना ।