है सम्बन्ध हमारा पावन
है सम्बन्ध हमारा पावन, कैसे ये सबको समझायें
जुड़े हुये हैं आपस में मन,कैसे ये सबको समझायें
साथ साथ जब भी हम होते , दूर दूर ये गम रहते हैं
कोई भी मुश्किल आ जाये,साथ खड़े हरदम रहते हैं
तुरत सुलझ जाती हर उलझन,कैसे ये सबको समझायें
है सम्बन्ध हमारा पावन,कैसे ये सबको समझायें
बिन बोले आँखों को पढ़कर,मन की बात समझ लेते हैं
और भुलाकर दुनिया के गम,खुशियों के पल भर देते हैं
केवल है इसमें अपनापन,कैसे ये सबको समझायें
है सम्बन्ध हमारा पावन,कैसे ये सबको समझायें
सच्चा मीत वही है अपना,जो हर दुख में सँग रोता है
दूरी नहीं मायने रखती,दोनों का इक दिल होता है
एक अनोखा होता बंधन,कैसे ये सबको समझायें
है सम्बन्ध हमारा पावन,कैसे ये सबको समझायें
20-01-2022
डॉ अर्चना गुप्ता